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क्या हमारी फाउंडेशन का प्रभाव बहुत अधिक है? इसे मैं इस तरह से देखता हूं।

मार्क सुजमैन वीरांगना अवंती बाई महिला अस्पताल, भारत में एक स्वास्थ्य ऍप  का प्रदर्शन देखते हुए ।
मार्क सुजमैन वीरांगना अवंती बाई महिला अस्पताल, भारत में एक स्वास्थ्य ऍप का प्रदर्शन देखते हुए । फ़ोटो सौजन्य: गेट्स आर्काइव/मानसी मिधा

वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बड़े दांव

हम एक समालोचना बहुत सुनते हैं: " वैश्विक स्वास्थ्य और विकास के लिए कुछ अनिर्वाचित अरबपति एजेंडा क्यों तय कर रहे हैं?"

हां, हमारे संस्थापक अरबपति हैं। लेकिन न तो वे, न मैं और न ही हमारे ट्रस्‍टी बोर्ड के अन्‍य सदस्य, दुनिया का एजेंडा तय करते हैं; एक फाउंडेशन के रूप में, हम इसका जवाब देते हैं। हम सतत् विकास लक्ष्यों द्वारा निर्देशित हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में हर देश द्वारा अपने नागरिकों के लिए तय किए गए ठोस, मापीय प्रतिबद्धताओं का एक समूह है।

उन सांझी प्राथमिकताओं में से, हम क्षेत्रों के एक उपसमूह की पहचान करते हैं- टीकाकरण दरों में सुधार से लेकर महिलाओं की आर्थिक शक्ति को आगे बढ़ाने तक- जहां हमारे पास समाधान का हिस्सा बनने के लिए धन, विशेषज्ञता और सम्‍बन्‍ध हैं और जहां हमारी भागीदारी के बिना परिवर्तनकारी प्रगति की संभावना नहीं है। भौगोलिक रूप से, हम उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जो अत्यधिक बीमारी और गरीबी वाले स्थानों में रहते हैं।

हम अपने सभी निवेशों को सार्वजनिक करते हैं और अपनी प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में पूरी तरह से पारदर्शी रहने का प्रयास करते हैं। अंतत:, हम उन अन्य लोगों से जुड़ने के तरीके ढूंढते हैं जो इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और अपनी भूमिका तय करने के लिए स्थितियों का सावधानी से आकलन करते हैं। आखिरकार, हमारे द्वारा खर्च किया जाने वाला भुगतान बड़ा है, पर यह आमतौर पर दुनिया द्वारा इन मुद्दों पर खर्च किए जाने वाले धन का एक छोटा सा हिस्सा है। इसलिए हम अपने सभी योगदानों को बढ़ाने के लिए भागीदारों के साथ मिल कर काम करते हैं।

हम अपनी भूमिका के बारे में कैसे सोचते हैं, इस पर रोशनी डालने के लिए, मैं अपने नए बजट और हमारे दीर्घकालिक लक्ष्यों में दर्शाए जाने वाली तीन महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं के उदाहरणों से उनके प्रभाव के बारे में बताना चाहता हूं: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बावजूद छोटे किसानों को सफल बनाने में मदद करना; मलेरिया को समाप्त करना; और अमेरिकी स्कूलों को गणित निर्देशों को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करना।

कृषि अनुकूलन: जहां सबसे ज्यादा जरूरत है, वहां जाना

मैरिएटा मिकाली केन्या में स्थित अपने खेत में मुर्गियों को सूखा-प्रतिरोधित संकरित बीजों से उत्पादित मक्के के दाने खिलाते हुए ।
फ़ोटो सौजन्य: गेट्स आर्काइव/अलीसा एवरेट

जलवायु परिवर्तन के प्रत्‍युत्‍तर में हमारा काम इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि हम कैसे सबसे वंचित एवं कमज़़ोर लोगों की ज़रूरतोो को प्राथमिकता देना चाहते हैं - और हम दूसरों को भी ऐसा करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करते रहेंगे।

यह एक कठोर सत्‍य है कि जो समुदाय जलवायु संकट में सबसे कम ज़़िमेदार हैं वही इसके सबसे गंभीर परिणामों का सामना कर रहे हैं। कोई नहीं जानता कि उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में अधिक छोटे किसान विनाशकारी बाढ़ और सूखे, सिकुड़ते उपज मौसमों और कुछ स्‍थानों पर अकाल का सामना कर रहे हैं।

16 वर्षों तक हमने कृषि विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि यह बड़ी संख्या में लोगों को खुद को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। मैंने हाल ही में 2022 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में घोषणा की थी कि हम किसानों को नवीन उपकरण उपलब्‍ध कराने और अधिक लचीली खाद्य प्रणाली बनाने में मदद करने के लिए चार वर्षों में $1.4 बिलियन की सहायता के साथ, इस काम को तेज़़ से आगे बढ़ा रहे हैं।

उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिण एशिया और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में नेता, वर्षों से, अनुकूलन के लिए नाटकीय धन वृद्धि की मांग कर रहे हैं - अर्थात, जलवायु परिवर्तन को रोकने या कम करने के संदर्भ में जलवायु में परिवर्तन को समायोजित करने के तरीकों के लिये। इन मांगों को काफी हद तक नज़रअंदाज कर दिया गया है। जबकि 2020 में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विश्व स्तर पर 632 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए गए थे, उनमें से सिर्फ 7% जलवायु अनुकूलन के हिस्‍से में गए थे।

ऐसा नहीं है कि दुनिया ने खेती से जुड़े नवाचारों में निवेश नहीं किया है। निश्चित रूप से पिछली आधी शताब्दी में फसल उत्पादकता में अविश्वसनीय प्रगति के साथ ऐसा हुआ है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कम आय वाले देशों में किसानों की ज़रूरतोो को पूरा करने के लिए बहुत कम पैसा खर्च किया गया है – यहां तक कि उन दानदाता राष्ट्रों द्वारा भी ऐसा किया गया है जिन्होंने ऐसा करने के लिए सार्वजनिक प्रतिबद्धता जताई है।

उदाहरण के लिए, लाखों अफ्रीकी परिवारों की निभर्रता वाली फसलों की बजाय अधिकांश शोध और विकास धनी देशों में उगाई जाने वाली आम प्रमुख फसलों पर लक्षित किया है। अमीर देश उन फसलों के उत्पादन के लिए बेहतर तरीकों में निवेश करेंगे जिन पर उनकी आबादी निर्भर करती है चाहे गेट्स फाउंडेशन इसमें शामिल हो या नहीं। लेकिन यह लोबिया, बाजरा, कसावा, या सीधे बिजाई वाले चावल के लिए सत्‍य नहीं है।

हम अनुसंधान में बड़ी मात्रा निधि देते हैं- विशेष रूप से CGIAR के माध्यम से, जो दुनिया भर में अनुसंधान केंद्रों का एक नेटवर्क है- कि कैसे इन फसलों का उत्पादन किया जा सकता है और पशुधन को अधिक मज़बूती से, व्‍यापक और निरंतर रूप से पाला जा सकता है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी निवेश करते हैं कि छोटी जोत वाले किसानों कीज़रूरतोो को नवाचारों से पूरा किया जाये। उदाहरण के लिए जलवायु से जुड़ी घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए बेहतर डेटा और मॉडलिंग के लिए कम आय वाले देशों की परेशानियों का उत्तर देकर ऐसा किया जाता है।

महिलाओं की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देना हमारी कृषि अनुकूलन रणनीति का एक अहम घटक है। लैंगिक समानता न केवल स्वयं में एक सतत् विकास लक्ष्य है परन्तु यह अन्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक अहम मार्ग भी है। बिना महिलाओं पर विशिष्ट प्रभाव को समझे रोगों का उन्मूलन नहीं किया जा सकता है। ऐसे ही, नवीन स्वच्छ तकनीकें तब तक प्रभावी नहीं होंगी जब तक हर प्रकार के लोग उनका प्रयोग करने में न हिचकिचाएँ। गरीबी-उन्मूलन के प्रयास तब तक सफल नहीं होंगे जब तक व्यवस्थित अर्थव्यवस्था के बाहर काम कर रही लाखों महिलाओं को लाभ नहीं मिलता।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए, सालों पहले हमने महिलाओं पर केंद्रित रणनीतियाँ और निवेश करने का प्रतिबद्ध किया। कृषि के क्षेत्र में, जहाँ आधे से ज़्यादा छोटे किसान महिलाएं हैं, यह बात और भी ज़्यादा आवश्यक हो जाती है। महिलाओं पर केंद्रित समाधान बनाने के लिए हम अपने प्रभाव का प्रयोग कर रहे हैं — चाहे वो समान रूप से कर्ज़की और बाज़़ार की उपलब्धता सुनिश्चित करना हो, महिलाओं के लिए उपयुक्त कृषि यंत्रों को बनाना हो या फिर महिलाओं का प्रशिक्षण करना हो ताकि वो इन विषयों पर अपने समुदायों में नेतृत्व कर सकें।

शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम क्षेत्रीय और स्थानीय संस्थानों के साथ भागीदारी में ऐसा कर रहे हैं। हालांकि हम पर कभी-कभी उन कॉर्पोरेट हितों को आगे बढ़ाने या उन तकनीकों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया जाता है जिन्‍हें देश नहीं चाहते हैं, वास्तव में हम राष्ट्रीय सरकारों और क्षेत्रीय निकायों जैसे अफ्रीकी संघ (जिसने एक महाद्वीप-व्यापी जलवायु रणनीति विकसित की है) और अफ्रीकन एडाप्‍शन इनीशिएटिव (जो सरकारों को जलवायु वित्तपोषण प्राप्त करने में मदद करती है और सार्वजनिक सहयोग के प्रयासों का समन्वय करती है) के अनुरोध पर काम करते हैं। । हम संस्थानों के निर्माण के लिए काफी निवेश करते हैं, जिससे वे पूरी तरह से काम का नेतृत्व कर सकें और हम अपने प्रभाव का उपयोग दूसरों को भी प्रेरित करने के लिए करेंगे।

मलेरिया: रोग को समाप्त करने के लिए भागीदारों को लैस करना

आधुनिकतम मच्छरदानियां बेनिन के स्थानीय समुदायों में वितरित की जा रही हैं ।
फ़ोटो सौजन्य: गेट्स वेंचर्स

इस शताब्दी की शुरुआत तक, अमीर देशों में मलेरिया का सफाया कर दिया गया था, फिर भी गरीब देशों में हर वर्ष गभग दस लाख लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर छोटे बच्चे थे।

इसलिए इस प्रयास के लिए अरबों डॉलर समर्पित करते हुए, हम इस रोकथाम योग्य बीमारी के बोझ को कम करने के लिए काम कर रहे अन्य संगठनों के साथ जुड़ गए। बीते सितंबर में, फाउंडेशन ने एड्स, तपेदिक (क्षय रोग) और मलेरिया से लड़ने के लिए ग्लोबल फंड को तीन वर्षों में US$912 मिलियन देने की घोषणा की।

हालांकि, हो सकता है कि पिछले कुछ वर्षों में हमारा सबसे बड़ा योगदान पैसा देना नहीं रहा होगा। 2007 में, मेलिंडा ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय के लिए एक चुनौती पेश की: मलेरिया के खतरे को केवल कम करने के बजाय, इसे पूरी तरह से समाप्त क्यों न किया जाये? वहां से, हम पीछे की ओर चले और देखा कि किस तरह की कार्यवाहियों से दुनिया में मामलों की संख्‍या शून्य तक पहुंचेगी? यदि हम इसमें कोई भूमिका नहीं निभाते तो उनमें क्या कम होने की संभावना नहीं होगी?

हमारा प्रभाव वास्तव में यह बताने के लिए नहीं है कि हम क्या कर सकते हैं। (आखिरकार, ग्लोबल फंड में हमारा योगदान सभी दानदाताओं से जुटाई गई राशि का लगभग 6% ही है।) बात यह है कि हम दूसरों की अधिक प्रभाव डालने में कैसे मदद करते हैं।

हमने अनुसंधान एवं विकास के लिए वित्त पोषण किया है और निजी क्षेत्र की कंपनियों को न केवल नैदानिक उपकरणों, मच्छरदानियों और दवाओं की अगली पीढ़ी पर बल्कि उसके बाद आनेवाली पीढ़ियों पर भी ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार किया है। इसमें फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ हमारे द्वारा किए गए कार्य समझौते शामिल हैं, ताकि वे कम आय वाली आबा‍दियों को लाभ पहुंचाने वाली दवाओं का उत्पादन करें, भले ही उन उत्पादों में उच्च लाभ न मिल रहा हो। हमने कुछ देशों को अपना ज्ञान अन्‍य देशों को देने में मदद की है जैसे कि चीन, जिसने अपने देश में मलेरिया को समाप्त कर दिया और अब अफ्रीकी देशों को अपनी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है साथ ही अन्‍य कई देशों को मापीय प्रणाली और विश्लेषणात्मक क्षमता को मजबूत करने में मदद की है ताकि वे स्थानीय ज़रूरतोों क अनुसार मलेरिया से निपटने की तैयारी के लिए डेटा का उपयोग कर सकें। हम अफ्रीकी कीटविज्ञानियों (एंटोमोलॉजिसट्स) और राष्ट्रीय मलेरिया कार्यक्रम के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिये वित्त पोषण करते हैं जिससे लड़ाई को अंत तक पहुंचाने के लिए विशेषज्ञों का एक जीवंत समुदाय हमेशा मौजूद रहे।

सभी के साथ, बिल, मेलिंडा, और मैंने नेताओं को मलेरिया और अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए और अधिक धन उपलब्‍ध कराने के लिए समझाने की कोशिश में बहुत समय लगाया है जो गरीबी की मार झेलने वाले लोगों को असमान रूप से प्रभावित करती हैं।

कुल मिलाकर, यह लड़ाई एक बड़ी सफलता रही है। हालांकि महामारी के दौरान मलेरिया से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है, लेकिन 2000 से 2020 तक मृत्यु दर में लगभग 50% की गिरावट आई है। हम इसके लिये आशावादी हैं कि अगले कुछ वर्षों में मामलों में और भी गिरावट आ सकती है, इसके लिए कई आशाजनक नवाचारों को श्रेय दिया जाना चाहिए, जिसमें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करने वाली निवारक चिकित्सा और सबसे घातक मच्छरों के क्षेत्रों से छुटकारा पाने के तरीके (उन्हें मीठे चारे के जाल से मारना या रोग संचरण को रोकने के लिए आनुवंशिक तकनीक का उपयोग करना) शामिल हैं।

इस प्रगति के बावजूद लोगों ने हमारे काम को लेकर अच्छे सवाल खड़े किए हैं। वे पूछते हैं कि क्या विशिष्ट बीमारियों पर खर्च किए गए संसाधनों को समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों में सुधार के लिए बेहतर तरीके से खर्च किया जाएगा। उनकी राय है कि उन्मूलन एक अवास्तविक लक्ष्य है और वे उस भूमिका को निभाने के लिये फाउंडेशन की आलोचना करते हैं क्योंकि वे इसे एक बाहरी प्रभावी भूमिका मानते हैं।

हम इस बात से सहमत हैं कि स्वास्थ्य प्रणालियों का वित्तपोषण करना महत्वपूर्ण है, इसलिए हम इथोयोपिया, भारत और अन्य देशों में ऐसा करते भी हैं। हम इस बात से सहमत हैं कि मलेरिया उन्मूलन के लिए आह्वान करना दुस्साहस है, लेकिन हम हमारा यह मानना था कि इससे थोड़े भी कम लक्ष्य का अर्थ निरंतर पीड़ा सहना होगा।

हमारी भूमिका के आकार पर, मैं एक तरह से सहमत हूं कि किसी निजी परोपकारी संस्‍था के लिए बहुराष्ट्रीय वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों के सबसे बड़े धनदाताओं में से एक होना सही नहीं है। देशों को इनमें पूरी तरह से वित्‍तपोषण देना चाहिए। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के उदाहरण पर विचार करें। जहाँ हम मलेरिया उन्मूलन, जैसे साझा लक्ष्यों में भागीदारी करते हैं, हम WHO के कार्यक्रमों को वित्तपोषित करते हैं। जैसे-जैसे देशों ने अपना योगदान कम किया है, हम दूसरे सबसे बड़े दानी बन गए हैं। अगर कई और सरकारें हमें उस सूची में और आगे बढ़ाएं तो मुझे अच्छा लगेगा क्योंकि इसका अर्थ यह होगा कि अधिक लोगों की जान बचेगी।

गणित शिक्षा: आकर्षक निर्देश के लिए अपेक्षा बढ़ाना

जब अक्टूबर 2022 में यूएस नेशनल असेसमेंट ऑफ एजुकेशनल प्रोग्रेस के स्कोर जारी किए गए, तो हमने परीक्षण(टेस्ट) के 50 साल के इतिहास में चौथी और आठवीं कक्षा के गणित के अंकों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी। हालाँकि, यह जानने के लिए हमें उन अंकों की आवश्यकता नहीं थी कि K-12 की अधिकांश कक्षाओं में, गणित को आंनद का एक विषय नहीं बल्कि एक बोझ समझा जाता है। हाई स्कूल और यहां तक कि कॉलेज स्नातक के लिए्र विशेष रूप से अश्‍वेत और भूरे छात्रों के लिए एक प्रमाणित बाधा माना जाता है, ।

इसलिए हम सभी बच्चों में गणित शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए चार वर्षों में 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहे हैं।

अमेरिकी शिक्षा खर्च के एक हिस्से के रूप में, यह एक कोई बड़ी राशि नहीं है – यह अमेरिका के सबसे कम आबादी वाले राज्य व्योमिंग में पब्लिक स्कूलों पर खर्च किए जाने की संभावित राशि का केवल छठा हिस्सा है। लेकिन हमें आशा है कि इससे भी एक अच्छा सुधार आएगा।

अधिकांश शिक्षकों का कहना है कि उन्हें दिया गया गणित का पाठ्यक्रम आकर्षक, प्रभावी या उनके छात्रों के जीवन से जुड़ा हुआ नहीं है। वे अपना बहुत सा बहुमूल्‍य समय सामग्रियों को अनुकूलित करने या स्वयं उनका निर्माण करने में लगाते हैं। फिर भी शैक्षिक प्रकाशन कंपनियों ने यह समझने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किया है कि शिक्षक क्या चाहते हैं और छात्रों को क्या चाहिए और जो उपलब्ध है उसमें सुधार करें।

इसलिए हम कर रहे हैं। हम स्कूल जिलों और विश्वविद्यालयों की टीमों को इस प्रकार के अनुसंधान करने के लिए वित्तपोषित करेंगे, जिससे वे यह परिभाषित कर सकें कि प्राथमिक और माध्‍यमिक विद्यालय गणित निर्देशन में क्या काम करता है और क्या नहीं। शिक्षकों को उनके टूलकिट में अधिक साधन या तरीके प्रदान करने वाली शैक्षिक प्रौद्योगिकियां और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नए दृष्टिकोण उस कोशिशों का हिस्सा होंगी और साथ ही विभिन्न प्रकार के गणित पाठ्यक्रम भी पेश किए जाएंगे।

अन्य वित्‍तपोषकों (फंडर्स) के एक संघ के साथ, हम अद्भुत नए उत्पादों को विकसित करने के लिए कुछ नवीन प्रकाशकों और शैक्षिक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी करेंगे। प्रेरणा, जुड़ाव और दृढ़ता में सुधार करने में उनकी प्रभावकारिता का मूल्यांकन करेंगे और उनमें से सर्वश्रेष्ठ को अधिक से अधिक कक्षाओं में उपलब्ध कराएंगे।

हमारा अंतिम लक्ष्य न केवल उन बेहतर, अधिक आकर्षक गणित सामग्री के विकास को बढ़ावा देना है, जो मानक से पीछे रहने वाले छात्रों को सेवा प्रदान करना है, बल्कि प्रमुख प्रकाशकों के समक्ष यह साबित करना भी है कि उन सामग्रियों के लिए एक बाज़ार भी है। यदि हम अपना काम अच्छी तरह से करते हैं, तो प्रकाशक भी बेहतर संसाधन बनाने के लिए इससे प्रेरित होंगे।

छात्रों का समूह कक्षा के दौरान साथ मिलकर गणित की समस्याएं सुलझाते हुए, अमेरिका में।
फ़ोटो सौजन्य: अलायन्स फॉर एक्सीलेंट एजुकेशन/एलिसन शेली

रणनीति तय करने के लिए हम बाहरी विशेषज्ञों के साथ कैसे काम करते हैं

भविष्‍य का वादा

जहां हम प्रगति की संभावना के बारे में आशावादी हैं, वहीं हम यथार्थवादी भी हैं। जब उन मुद्दों की बात आती है जिन पर हम काम करते हैं, तो फाउंडेशन के इतिहास में यह सबसे कठिन समय है और दुनिया जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, उनके 2023 में हल होने की संभावना नहीं है।

इसका अर्थ है कि हम नवीनीकरण में तेज़ी लाने और वैश्विक लक्ष्यों की दिशा में कार्य करने के लिए और भी अधिक प्रभावी तरीकों की खोज करेंगे।

इसका मतलब यह नहीं है कि हम WHO और ग्लोबल फंड जैसे बहुपक्षीय संगठनों का एजेंडा तय करेंगे। न ही हम यह तय करेंगे कि कौन सी मलेरिया दवाओं को नियामकों ने मंजूरी दी है, या वैज्ञानिक कौन से शोध में आगे बढ़ रहे हैं। हम यह तय नहीं करेंगे कि किसान अपने खेतों में कौन सा बीज बोते हैं या स्कूल प्रणाली कौन सा पाठ्यक्रम अपनाती है या घर में मच्छरदानी का प्रयोग किया जाता है या नहीं।

हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि निर्णय लेने वाले चाहे वे स्कूल बोर्ड के सदस्य हों या कसावा उत्पादक या स्वास्थ्य मंत्री हो उनके पास चुनने के लिए सर्वोत्तम हर संभव विकल्प हों और अपने फैसलों को सूचित करने के लिए सर्वोत्तम संभव डेटा हो लेकिन कोई गलती न करें। 

जहां कोई समाधान है जो आजीविका में सुधार कर सकता है और जीवन को बचा सकता है, तो हम इसके लिए लगातार पैरवी करेंगे।

हज़ारों बच्चों का मलेरिया से सिर्फ अपने रहने की जगह की वजह से जान गँवाना, रंग के आधार पर भेदभाव के शिकार और कम आय वाले छात्रों के पास समान शैक्षिक अवसर नहीं होंगे और जब तक अकाल से पूरी आबादी के लिए खतरे उत्‍पन्‍न हो रहे हैं तब तक हम अपनी वित्‍तीय प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ अपने प्रभाव का उपयोग करना बंद नहीं करेंगे।

हम भविष्‍य से बहुत सारी उम्मीदें रखते हैं और हम इसे वास्‍तविकता में बदलने हेतु अपनी भूमिका निभाने के लिए उत्साहित हैं।

Mark Suzman
मुख्य कार्यकारी अधिकारी

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