अधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों में दान करना
मुझे पता है कि ऐसे भी लोग हैं जो सीमित क्षमता होने के बावजूद परोपकारिता को लेकर प्रतिबद्ध हैं। लेकिन ऐसे लोग जो सक्षम हैं उनके लिए अभी परोपकारिता की शुरुआत करने के ढेर सारे लाभ हैं।
पहली बात, आपको आपके द्वारा लाया गया बदलाव वास्तव में देखने का मौका मिलेगा। आपको यह काम कर रहे लोगों के साथ परस्पर विश्वास व समझ बनाने के लिए समय भी होगा। मज़बूत साझेदारियां अपने आप में किसी पुरस्कार से कम नहीं और इनका प्रभाव भी बहुत अधिक होता है। जितनी जल्दी आप इसकी शुरुआत करेंगे, उतनी ही तेज़ी से आप इसे आगे बढ़ा सकेंगे। जल्दी शुरुआत करना तब बहुत आवश्यक होता है जब आप ऐसी समस्याओं के समाधान ढूंढने पर काम कर रहे हैं जिनमें सफलता महीनों या वर्षों में नहीं बल्कि दशकों के दौरान मापी जाती है।
आज की दुनिया में ऐसी जटिल समस्याओं की कमी नहीं है जो समाधान के इंतज़ार में हैं या जिनका समाधान ढूंढने के लिए इनोवेटेर्स काम कर रहे हैं। दुनियाभर में, इनोवेटर्स ऐसी महत्वपूर्ण खोज करने के बेहद करीब है जो करोड़ों लोगों का जीवन बचाने और उसे बेहतर बनाने में सक्षम होंगी। इनमें से कुछ का फायदा तो ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाया भी जा रहा है। कुछ में सफलता हासिल करने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन उनमें लोगों का जीवन बदलने की क्षमता है। लेकिन उदार निवेश और लगातार समर्थन के बिना महान आइडिया भी सिर्फ आइडिया ही रह जाता है।
अगर अधिक संख्या में लोग अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाएं और सबसे अधिक ज़रूरत वाले क्षेत्रों पर अपने संसाधनों को केंद्रित करें तो ऐसे विचारों को प्रभावों में बदला जा सकता है। इसका मतलब, बड़ी संख्या में किसान अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन पोषण कर सकेंगे फिर चाहे मौसम कैसा भी हो, बड़ी संख्या में बच्चे ऐसी बीमारियों का शिकार नहीं होंगे जिनकी रोकथाम करना संभव है और कई औरतों के लिए प्रसव डर का नहीं बल्कि खुशी का स्रोत बन सकेगा।
साथ मिलकर हम परोपकारिता की पूरी क्षमता का फायदा उठा सकते हैं और वह भी आज जब दुनिया को इसकी सबसे अधिक ज़रूरत है।
मार्क सुज़मैन
मुख्य कार्यकारी अधिकारी/चीफ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर
बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन